नोपॉज़ हर महिला की ज़िंदगी का एक सच है, जिसे दुनियाभर में नज़रअंदाज़ किया गया है—हालाँकि इसका असर समाज पर बेहद गहरा पड़ता है। हर महिला, हर जगह, बेहतर देखभाल, समझ और सहयोग की हक़दार है।
आइए, मिलकर एक ऐसी दुनिया बनाएं जहाँ मेनोपॉज़ दर्द नहीं, ताकत और समझ का प्रतीक बने।
अब वक्त है आवाज़ उठाने का, बदलाव लाने का
घोषणा सह-नेता
* Indicates co-lead signing the declaration in their personal capacities; their views do not represent those of their employers.
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Shabana Azmi
Famed Bollywood Actress & Activist
India
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Núria Casamitjana Badia
Profesora Titular, University of Barcelona;
Director of Education & Training, Barcelona Institute for Global Health (ISGlobal)Spain
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Cynthia Berkley
Co-Founder, Berkley Consultants; Former Faculty, Department of Medicine, Columbia University Presbyterian Hospital; Former Physician, Center for Menopause, Hormonal Disorders and Women’s Health
United States
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Ellie Cannon
General Practitioner, National Health Service; Columnist, Mail on Sunday; Author, The Little Book of HRT
United Kingdom
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Shaili Chopra
Journalist and Founder, Gytree and SheThePeople.TV
India
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Peggy Dulany
Founder & Chair, Synergos
United States
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Barkha Dutt
Award-Winning Journalist; Founding-Editor, The Mojo Story and We The Women; Columnist with The Washington Post, Hindustan Times and The Week
India
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Helen Evans AO
Professor (Hon), The Nossal Institute for Global Health, University of Melbourne Australia
Australia -

Jane Halton
Board Chair, CEPI; Chair, Australian Council on Aging; Professor, Health Policy and Health Security, Australian National University
Australia
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Katja Iversen
Women’s Health Advocate, CEO, Museum for the United Nations - UN Live
Denmark
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Nísia Trindade Lima
Public Health Researcher & Former President, Oswaldo Cruz Foundation (Fiocruz); Former Minister of Health, Brazil; Member, Brazilian Academy of Science
Brazil
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Graça Machel
Founder, Graça Machel Trust;
President; Foundation for Community DevelopmentMozambique
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Menoglobal
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Anjali Nayyar
Executive Vice President, Global Health Strategies
India
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María P. Neira
Former Director, Public Health, Environment and Social Determinants of Health Department (PHE), WHO
Spain
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Saundra Pelletier
CEO, Evofem
United States
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Joy Phumaphi
Executive Secretary, African Leaders Malaria Alliance
Botswana
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Carole Presern*
Professor of the Practice, Global Health Policy, London School of Hygiene & Tropical Medicine
United Kingdom, Switzerland
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Magdalena Robert*
Deputy Director, Program Advocacy and Communications, Gates Foundation
Mexico
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Alison Rowe
Senior Advisor
United Kingdom
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Yolanda Ruiz y María Elvira Samper
Periodistas, Creadoras, Menopáusicas ¡y qué!
Colombia
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Kamel Senouci
Director, ADVAC Course,
University of GenevaFrance, Algeria
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Jill Sheffield
Founder, Family Care International
United States
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Nozer Sheriar
Director, Guttmacher Institute and Centre for Catalysing Change; Chair, Medical Advisory Panel, FPA India; Former Scientific Chair, FIGO ; Author, Finding your Balance - Your 360° Guide to Perimenopause
India
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Theo Sowa
Interim CEO, Graça Machel Trust;
Former CEO, African Women's Development Fund
Ghana
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Soumya Swaminathan
Chair, MS Swaminathan Research Foundation
India
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Zain Verjee
Co-Founder, The Rundown;
Founder & CEO, the ZVG;
Former Anchor & Reporter, CNNCanada, Kenya
मेनोपॉज सिर्फ एक स्वास्थ्य समस्या नहीं है—यह एक ऐसा बदलाव है जो महिलाओं के करियर, रिश्तों और जीवन के हर पहलू को प्रभावित करता है।
साल 2030 तक, दुनिया भर में 1.2 अरब महिलाएँ मेनोपॉज से गुजर रही होंगी या मेनोपॉज के बाद की अवस्था में होंगी।
मेनोपॉज के लक्षणों की वजह से हर साल 24 लाख स्वस्थ्य वर्ष खो जाते हैं।
5 में से 4 महिलाएं मेनोपॉज के गंभीर लक्षण महसूस करती हैं।
अगर मेनोपॉज के लक्षण ठीक से संभाले जाएं तो यह $120 बिलियन (लगभग 10.56 लाख करोड़ रुपये) का आर्थिक मौका है।
हमारे पास इसे बदलने की ताकत है।
दुनिया अब आधी आबादी की चुपचाप सहनशीलता बर्दाश्त नहीं कर सकती। कोई भी महिला मेनोपॉज का सामना अकेले, बिना जानकारी के या बिना इलाज के नहीं करें।
हम सब मिलकर चुप्पी तोड़ेंगे, उपेक्षा खत्म करेंगे, और मेनोपॉज पर वैश्विक कार्रवाई की मांग करेंगे।
हर महिला की ज़िंदगी में एक ऐसा समय आता है, जब उसका शरीर बदलता है, उसकी भावनाएँ बदलती हैं, और उसका पूरा अस्तित्व एक नई दिशा में बढ़ता है। इस बदलाव का नाम है — मेनोपॉज़ (रजोनिवृत्ति)। मगर इस बदलाव को सामजिक नज़रिए से अक्सर नज़र अंदाज़ किया जाता है |
मेनोपॉज़ कोई बीमारी नहीं है। यह महिलाओं में लगभग एक दशक तक चलने वाला ऐसा बदलाव है, जिसे दुनिया की आधी आबादी अपने जीवनकाल में अनुभव करेगीi। वर्ष 2030 तक, दुनिया भर में लगभग 1.2 अरब महिलाएं मेनोपॉज़ की अवस्था से गुज़र रही होंगीii।
भले ही हर किसी का मेनोपॉज़ अनुभव अलग होता है, लेकिन हर पाँच में से चार महिलाएं ऐसे गंभीर शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक लक्षणों से गुज़रती हैं, जो उनकी सेहत, ज़िंदगी और रोज़गार पर असर डालते हैंiii। इनमें से बहुत-सी महिलाएं मजबूरी में या तो चुपचाप इन लक्षणों और पीड़ा को सहती हैं या फिर बिना इलाज के ही रह जाती हैं।
अब वक़्त है बदलाव का और इसीलिए हम इसे बदलने आए हैं। पावर इन मेनोपॉज़ अभियान एक नया वैश्विक आंदोलन है, जो मेनोपॉज़ को प्रमुखता देते हुए इसके लिए कार्रवाई का समर्थन करता है।
मेनोपॉज़, विश्व स्तर पर एक ऐसी चुनौती है, जो हमारी आँखों के सामने है, मगर हम उसे देख कर भी अनदेखा कर रहे हैं |
मेनोपॉज़ के लक्षण महिलाओं के स्वास्थ्य के हर पहलू को प्रभावित कर सकते हैं। इनमें हॉट फ्लैशेज़, यानी अचानक गर्मी का अनुभव, नींद में कमी, मूड में उतार-चढ़ाव, और कभी-कभी अवसाद शामिल हैंiv। मेनोपॉज़ के दौरान होने वाले हार्मोनल बदलाव महिलाओं के मेटाबॉलिज़्म और हड्डियों को कमज़ोर कर सकते हैं, जिससे भविष्य में दिव्यांगता और दिल की बीमारियों का ख़तरा बढ़ जाता हैv vi vii।
मेनोपॉज़ के लक्षण इतने तकलीफ़देह हो सकते हैं कि हर साल ये दुनिया भर की महिलाओं से लगभग 24 लाख स्वस्थ जीवन वर्ष छीन लेते हैंviii।
फिर भी लाखों महिलाएं मेनोपॉज़ के दौरान जानकारी की कमी, ग़लत निदान या सामाजिक कलंक के कारण चुपचाप पीड़ा सहती रहती हैं। कई मामलों में, महिलाओं को अपनी तकलीफ़ खुलकर बताने और मदद लेने के लिए प्रेरित करने का काम मशहूर हस्तियां और इन्फ्लुएंसर्स कर रहे होते हैं।
ज़्यादातर स्वास्थ्यकर्मियों को मेनोपॉज़ पर सही या विशेष प्रशिक्षण नहीं मिलता, इसलिए वे अक्सर इससे सम्बंधित किसी समस्या को पहचान नहीं पाते या महिलाओं को उचित सलाह नहीं दे पातेix। इस कारण महिलाएं ग़लत जानकारी और इंटरनेट या सोशल मीडिया पर फैले भ्रामक सुझावों और उत्पादों के जाल में फँस जाती हैं।
यहाँ तक कि होर्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT) —जो मेनोपॉज़ का एक प्रमाणित इलाज है, उसके बारे में लोगों को सही जानकारी नहीं है। इसके साथ ही, यह थेरेपी दुनिया भर के बहुत कम स्थानों पर उपलब्ध है, या इसका इस्तेमाल ही नहीं किया जाता। नतीजा यह होता है कि लाखों महिलाएं ऐसी पीड़ा सहने को मजबूर होती हैं, जिसे दवाओं से आसानी से नियंत्रित किया जा सकता हैx xi xii।
मेनोपॉज़ के बारे में अभी भी बहुत कम जानकारी है, क्योंकि इस पर ना तो ज्यादा ध्यान दिया गया है , ना ही इसके लिए अधिक धन व्यय किया गया है और ना ही इस पर कोई महत्वपूर्ण शोध यानि रिसर्च की गयी है। सबसे ज़्यादा अनदेखी उन महिलाओं के साथ हुई है जो गरीब, आदिवासी और समाज के कमजोर वर्गोंं से आती हैं, और जो मध्यम आय वाले देशों में रह रही हैंxiii।
मेनोपॉज़ से जुड़ी नीतियाँ बननी शुरू हुई हैं — लेकिन अब भी ये बहुत कम संख्या में हैं।
इसका व्यापक प्रभाव होने के बावजूद, ज्यादातर देश मेनोपॉज़ को सार्वजनिक स्वास्थ्य की प्राथमिकता नहीं मानते।
मेनोपॉज़ से सम्बंधित शोध के लिए पर्याप्त धन, देखभाल और शिक्षा तक पहुंच बेहतर करने, और कार्यस्थल की सुविधाएं बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक सुनियोजित रणनीति की ज़रुरत है।
कुछ देश, जिनमें यू.के., स्पेन, और केन्या शामिल हैं, इस मामले में सबसे आगे हैं । इन देशों ने मेनोपॉज़ के बारे में राष्ट्रीय दिशानिर्देश और कार्यस्थल पर महिलाओं की सुविधाओं की पहल की है। मेनोपॉज़ से सम्बंधित चुनौतियों से लड़ने के लिए सही नेतृत्व और पर्याप्त निवेश की ज़रुरत है वरना करोड़ों महिलाएं इस समस्या से ऐसे ही जूझती रहेंगी।
मेनोपॉज़ सिर्फ स्वास्थ्य का नहीं, बल्कि एक बड़ा आर्थिक मुद्दा भी है। अगर मेनोपॉज़ से जुड़ी परेशानियों को सही तरीके से समझा और उनका समाधान किया जाए, तो यह दुनिया की अर्थव्यवस्था (इकोनॉमी) के लिए हर साल 120 अरब डॉलर की कमाई का अवसर बन सकता है।
आंकड़े बताते हैं कि जो महिलाएं मेनोपॉज़ के करीब हैं, उनकी संख्या दिनोंदिन बढ़ रही है। इसलिए अगर उन्हें मेनोपॉज़ के लक्षण परेशान करते हैं, तो इसका सीधा असर कंपनियों और देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ता हैxiv।
मेनोपॉज की वजह से काम करना मुश्किल हो सकता है, और यह महिलाओं के करियर और आर्थिक कामकाजी क्षमता को प्रभावित कर सकता हैxv xvi। शोध से पता चलता है कि लगभग हर चार में से एक कामकाजी महिला ने मेनोपॉज़ के लक्षणों एवं इनसे सम्बंधित परेशानियों की वजह से अपनी नौकरी छोड़ी है या छोड़ने का विचार किया हैxvii।
लेकिन हमारे पास इसे बदलने की ताकत है। महिलाओं को उनके मेनोपॉज़ के लक्षणों को बेहतर ढंग से संभालने में मदद करना न केवल नैतिक जिम्मेदारी है, बल्कि यह एक समझदार वित्तीय निर्णय भी है, जो हर साल वैश्विक अर्थव्यवस्था में 120 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग 1.06 लाख करोड़ रुपये) जोड़ सकता है।
इसके लिए, पावर इन मेनोपॉज़ अभियान एक वैश्विक कार्रवाई की अपील जारी करता है।
पावर इन मीनोपॉज अभियान एक नई वैश्विक पहल है जो मेनोपॉज़ पर कार्रवाई की मांग कर रही है।
हमारा विश्वास है:
मेनोपॉज़ को दवा/इलाज, नीतियों और सामजिक चर्चाओं में महत्व ना देना एक बहुत बड़ी गलती है, जिसे अब सुधारा जाना चाहिए।
हर महिला, चाहे वह कहीं भी हो, कहीं से भी हो, उसे अच्छी जानकारी, सही इलाज और पूरा सहयोग मिलना चाहिए।
किसी भी महिला को मेनोपॉज़ अकेले, बिना जानकारी और बिना इलाज के नहीं सहना चाहिए
अब दुनिया को चुपचाप सह रही कम से कम आधी आबादी का दर्द और नहीं सहना चाहिए।
पावर इन मेनोपॉज़
एक वैश्विक घोषणापत्र
मेनोपॉज पर वैश्विक कार्रवाई की मांग करने में हम सभी की भूमिका है।
हम सब मिलकर चुप्पी तोड़ेंगे, मेनोपॉज़ के साथ हो रही अनदेखी को खत्म करेंगे और पूरी दुनिया से इस पर ठोस कदम उठाने की माँग करेंगे।
हम मिलकर एक ऐसी दुनिया बनाएंगे, जहाँ मेनोपॉज़ को दर्द नहीं बल्कि समझ, इलाज और सम्मान के साथ देखा जाएगा।
हम मिलकर मेनोपॉज़ को दुनिया की एक बड़ी प्राथमिकता बनाएंगे ताकि कोई भी महिला अकेली, अनसुनी या अनदेखी न रह जाए।
हमारे साथ जुड़ें।
पावर इन मेनोपॉज़ अभियान यह अपील करता है कि —
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), सरकारें, स्वास्थ्य संस्थाएं और कंपनियाँ मेनोपॉज़ पर कार्रवाई करने के लिए ठोस कदम उठाएँ, ताकि अरबों महिलाएं जो इस दौर से गुज़र रही हैं, उन्हें सही समझ, इलाज और सहयोग मिल सके।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से हमारी माँग:
मेनोपॉज़ को जीवन के एक जरूरी चरण की तरह माना जाए, इसके लिए साफ और वैज्ञानिक गाइडलाइन बनाई जाए ताकि डॉक्टरों और नीति बनाने वालों को सही दिशा मिले ।
हर देश की सरकारों से माँग:
मेनोपॉज़ पर राष्ट्रीय स्तर पर नियम और नीतियाँ बनाई जाएँ, रिसर्च और पढ़ाई पर निवेश किया जाए, इलाज और दवाओं को सरकारी स्वास्थ्य बीमा योजना में शामिल किया जाए, ताकि हर ज़रूरतमंद को इलाज मिल सके ।
चिकित्सा संस्थानों और डॉक्टरों की संस्थाओं से:
डॉक्टरों की पढ़ाई में मेनोपॉज़ से जुड़ी नई जानकारी और इलाज के तरीके शामिल किए जाएँ, डॉक्टर खुद पहल करके महिलाओं से मेनोपॉज़ के लक्षणों पर बात करें ताकि महिलाएं अपनी सेहत की सही देखभाल कर सकें ।
कंपनियों और दफ़्तरों से:
मेनोपॉज़ को भी स्वास्थ्य नीति और कर्मचारियों की ट्रेनिंग का हिस्सा बनाया जाए, काम की जगहों पर ऐसा माहौल बनाया जाए, जहाँ मेनोपॉज़ से जूझ रही महिलाएं सहज महसूस करें और अपने काम में आगे बढ़ सकें ।
घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करें
कृपया नीचे दिया गया फॉर्म भरें ताकि आपका नाम वैश्विक मेनोपॉज पावर घोषणा पत्र के हस्ताक्षरकर्ताओं की सूची में शामिल किया जा सके।
Endnotes
i डब्ल्यू.एच.ओ. (2024). रजोनिवृत्ति तथ्य पत्रक। https://www.who.int/news-room/fact-sheets/detail/menopause
ii डेलनरोले, जी., फिरि, पी., एलनील, एस., तालौलिकर, वी., एलेजे, जी. यू., करीम, आर., ... और ली, जे. वाई. एस. (2025). मेनोपॉज: एक वैश्विक स्वास्थ्य और कल्याण का मुद्दा जिसे तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। द लैंसेट ग्लोबल हेल्थ, 13(2), e196-e198।
iii संतोरो, एन., रोएका, सी., पीटर्स, बी. ए., और नील-पैरी, जी. (2021)। रजोनिवृत्ति संक्रमण: संकेत, लक्षण, और प्रबंधन विकल्प। द जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबोलिज्म, 106(1), 1–15. https://doi.org/10.1210/clinem/dgaa764
iv जिया, वाई., झोउ, ज़ेड., शीआंग, एफ., हू, डब्ल्यू., और काओ, एक्स. (2024)। रजोनिवृत्ति वाली महिलाओं में अवसाद की वैश्विक प्रसार दर: एक व्यवस्थित समीक्षा और मीटाअनालिसिस। जर्नल ऑफ अफेक्टिव डिसॉर्डर्स, 358, 474-482।
v एल खौदरी, एस. आर., अग्रवाल, बी., बिकी, टी. एम., होडिस, एच. एन., जॉनसन, ए. ई., लैंगर, आर. डी., लिमाचर, एम. सी., मैन्सन, जे. ई., स्टीफैनिक, एम. एल., और एलीसन, एम. ए. (2020)। रजोनिवृत्ति संक्रमण और हृदय रोग का जोखिम: प्रारंभिक रोकथाम के समय निर्धारण के लिए निहितार्थ: अमेरिकी हार्ट एसोसिएशन का एक वैज्ञानिक बयान। सर्कुलेशन, 142(25) https://doi.org/10.1161/CIR.0000000000000912
vi एर्देली, ए., पाल्फी, ई., ट्यू, एल., नास, के., स्ज़ुचस, ज़ेड., टोरोक, एम., जकब, ए., और वारबिरो, एस. (2023)। रजोनिवृत्ति और पेरिमेनोपॉज में पोषण का महत्व—एक समीक्षा। न्यूट्रियंट्स, 16(1), 27 https://doi.org/10.3390/nu16010027
vii अमीन, यू., मैकपार्टलैंड, ए., ओ'सुलिवन, एम., और सिल्क, सी. (2023). बढ़ती उम्र की महिला आबादी में ऑस्टियोपोरोसिस के प्रबंधन का एक परिचय। विमेन्स हेल्थ (लंदन, इंग्लैंड), 19, 17455057231176655। https://doi.org/10.1177/17455057231176655
viii वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम। (2025)। महिलाओं के स्वास्थ्य अंतर को बंद करने के लिए रूपरेखा: सभी के लिए जीवन और अर्थव्यवस्था में सुधार कैसे करें।
ix आर्मेनी, ई., मिली, एन., सिलिओगका, ई., गुलिस, डी. जी., और लैम्ब्रिनौडकी, आई. (2022)। विश्व भर में रजोनिवृत्ति चिकित्सा शिक्षा: महिलाओं के स्वास्थ्य की सेवा के लिए आगे का रास्ता। करंट ओपिनियन इन एंडोक्रिन एंड मेटाबोलिक रिसर्च, 26, 100387 https://doi.org/10.1016/j.coemr.2022.100387
x बार्बर, के., और चार्ल्स, ए. (2023)। रजोनिवृत्ति के लक्षणों के लिए प्रभावी उपचार और सहायता तक पहुँचने में आने वाली बाधाएँ: एक गुणात्मक अध्ययन जो प्रमुख हितधारकों के व्यवहार, विश्वास और अनुभवों को कैप्चर करता है। पेशेंट प्रेफरेंस एंड एडहेरेन्स, वॉल्यूम 17, 2971–2980. https://doi.org/10.2147/PPA.S430203
xi फैंग वाई, और अन्य। मध्य आयु की महिलाओं में मेनोपॉज के लक्षणों की वैश्विक प्रचलन की मानचित्रण: एक प्रणालीगत समीक्षा और मेटा-विश्लेषण। बीएमसी पब्लिक हेल्थ। 2024।
xii पीपल्स, एल. (2025)। रजोनिवृत्ति का नया विज्ञान: ये उभरती हुई चिकित्सा महिलाओं के स्वास्थ्य को बदल सकती हैं। नेचर, 637(8047), 782–784 https://doi.org/10.1038/d41586-025-00069-4
xiii डेलनारोले, जी., फिरि, पी., एलनील, एस., तलौलिकार, वी., एलेजे, जी. यू., करीम, आर., शेट्टी, ए., सरस्वत, एल., कुर्मी, ओ., बेनेट्टी-पिंटो, सी. एल., मोहम्मद, आई., रत्नायके, एन., तोह, टी.-एच., अग्रवाल, आई. एम., शी, जे. क्यू., टेलर, जे., रियाच, के., पोतोचनिक, के., लिचफ़ील्ड, आई., … ली, जे. वाई.-एस. (2025)। रजोनिवृत्ति: एक वैश्विक स्वास्थ्य और कल्याण का मुद्दा जो तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। द लैंसेट ग्लोबल हेल्थ, 13(2), e196–e198 https://doi.org/10.1016/S2214-109X(24)00528-X
xiv इस्लाम, आर. एम., राणा, जे., कथा, एस., हुसैन, एम. ए., सालेकिन, एस. यू., चौधरी, ए. टी., कबीर, ए., रोमेरा, एल., और डेविस, एस. आर. (2025). निम्न और मध्यम आय वाले देशों में मेनोपॉज: ज्ञान, लक्षण और प्रबंधन की एक स्कोपिंग समीक्षा। क्लाइमैटेरिक: इंटरनेशनल मेनोपॉज सोसाइटी का जर्नल, 28(3), 242–279।
xv ओ'नील, एमटी., जोन्स, वी., रीड, ए. (2023)। रजोनिवृत्ति के लक्षणों का काम और करियर पर प्रभाव: एक क्रॉस-सेक्शनल अध्ययन। ऑक्यूपेशनल मेडिसिन (लंदन), 73(6), 332-338 doi: 10.1093/occmed/kqad078. PMID: 37542726; PMCID: PMC10540666.
xvi पीकॉक, के., कार्लसन, के., और केटवरटिस, के. एम. (2023)। रजोनिवृत्ति। ट्रेजर आइलैंड (एफएल): स्टैटपर्ल्स पब्लिशिंग https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK507826/
xvii सी.आयी.पी.डी. । (2023)। कार्यस्थल में रजोनिवृत्ति: 2023 में कर्मचारियों के अनुभवx
xviii सी.आई.पी.डी. (2023)। कार्यस्थल पर स्वास्थ्य और कल्याण https://www.cipd.org/globalassets/media/knowledge/knowledge-hub/reports/2023-pdfs/8436-health-and-wellbeing-report-2023.pdf
xviv वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम। (2025). महिलाओं के स्वास्थ्य अंतर को खत्म करने का खाका: सभी के लिए जीवन और अर्थव्यवस्थाओं में सुधार कैसे किया जाए।